बूँदों जैसा प्यार
बूँदों जैसा प्यार
बरसात की उस रात में छाता लेकर
तुम्हारा मुझे यूँ लेने आना
क्या सिर्फ मुझे लेने आना भर था ?
शायद नहीं....
'मुझे तुम्हारी परवाह है'
जताने का तुम्हारा वह ख़ास अंदाज़ था
वह छाता पकड़कर तुम्हारा मेरे साथ
यूँ चलना
क्या सिर्फ बारिश से मुझे बचाने की तुम्हारी कोई जुगत थी ?
शायद नहीं....
तुम्हारा मेरे यूँ नजदीक रहने का
एक ख़ास अंदाज़ था
बरसते बादलों से टिप टिप यूँ बूंदें बरसना
क्या उस रात सिर्फ बादल बरस रहे थे ?
शायद नहीं....
बरसती बूँदों से मेरी हिफ़ाज़त भी
प्यार बरसाने का ख़ास अंदाज़ था
पानी से भरी सड़क पर यूँ धीमी चाल से चलना
क्या सिर्फ एहतियातन धीमे चलना था ?
शायद नहीं....
मेरे साथ बेपरवाही से हमराह होने का ख़ास अंदाज़ था
हम दोनो की वह बरसात की बूँदों सी टिप टिप वाली बातें
क्या सिर्फ वे बूँदों जैसी बातें थी ?
शायद नहीं.....
मेरे दिल को दस्तक देकर तुम्हारा
इकरार करने का ख़ास अंदाज़ था....
