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Kawaljeet GILL

Abstract

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Kawaljeet GILL

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बुरा साबित ना करो

बुरा साबित ना करो

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तुम जैसे हो वैसे ही रहो तो अच्छा होगा,

तुम बुरे नहीं हो तो खुद को बुरा साबित ना करो,


तेरी बातों से हम तुम को पहचान जाते हैं,

पल भर जो हम तुमसे जुदा हो जाते हो,


तुम हम को यहाँ वहाँ हर जगह तलाशते हो,

जब हम सामने होते है तो नजर अंदाज करते हो,


ये कैसा प्यार है जो हम तुम तुम हम कभी

एक हो ही नहीं पा रहे,

कभी तुम तो कभी हम

क्यूं खफा खफा से हो जाते हैं...


अच्छे लोग बुरे बन भी जाये कुछ दिनों के लिए

तो भी उनके अंदर की अच्छाई

कहीं ना कहीं जिंदा रहती है,


वो बुराई के साथ ज्यादा दिन नहीं रह सकते...।


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