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Umesh Shukla

Tragedy

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Umesh Shukla

Tragedy

बुलडोजर के आगे...

बुलडोजर के आगे...

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कब तक बुलडोजर के आगे 

नतमस्तक रहेंगे सब कारकुन

आखिर क्यों नहीं याद आते हैं

उन्हें देश के विविध कानून

क्या उन सबकी निगाह में अब

कालातीत हो गया है संविधान

जिसमें निहित प्रावधानों से उन्हें

मिला पद और विशेष संस्थान

क्या सभी न्यायालयों के सामर्थ्य

से उठ गया समूचे तंत्र का भरोसा

खुद को दंडाधिकारी मानकर वे

आरोपियों को देने लगे हैं सजा

न्याय पालिका के अस्तित्व पर 

अब अराजकता के मेघ गहराए

बड़ी चुनौती सम्मुख होकर उससे

अब सही न्याय की गुहार लगाए



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