बसंत
बसंत
पूरे नक़्शे पर बैठ दिया गया है
बसन्त, रातोंरात
पेड़ की फुनगियों पर चढ़ती धूप
अब और चटकीली हो गई है
आम भरपूर बौराये हैं
कोयल मधुर राग आलाप रही है
मोर मदमत्त नाच रहे हैं
यह सब क्या एकाएक हो गया है?
मात्र एक इशारे पर
या हो सकता है, यह भ्रम हो
हवा में पराग कुछ ज्यादा ही
फ़ैल गए हैं/इस बार
इस बार, बसन्त काफी जोर शोर से
बैठ गया है.