बसंत का आगमन।
बसंत का आगमन।


बसंत जैसे ही आता,
सर्द ॠतु का प्रकोप घटना शुरू हो जाता,
खेतों में सरसों के फूल लहलहाते,
एक पीली चादर लपेट जाते,
जैसे-जैसे मंद मंद हवा चलती,
पौधे धीमे-धीमे लहलहाते,
जैसे कोई गोरी पीला शिंगार करके,
नाचती,
जवां दिलों को धड़काती,
मन लुभावना दृश्य दर्शाती
और एक कवि की कविता पैदा हो जाती।
कुछ लोग पतंग उड़ाकर,
बसंत का स्वागत करते,
एक हर्षोल्लास का माहौल बनाते।
जवान लोग,
प्रेम प्रसंग के किस्से गढ़ते,
हर रोज नये नये रोमीयो जुलियट दिखते,
जन्म जन्मांतर तक साथ निभाने के वादे करते,
जीवन में आनंद भर देते।
दिनचर्या में भी अलग जोश दिखता,
हर कोई,
नया साल अच्छे से शुरू करता,
खूब सपने देखता,
गहरी नींद सोता,
और जीवन को नया मोड़
देने का प्रयत्न करता।