Shanti Gurav

Classics

4  

Shanti Gurav

Classics

बस माँ ही चाहिए

बस माँ ही चाहिए

1 min
417


ना सिर पर कोई ताज चाहिए,

बस माँ की दुआओं का हाथ चाहिए।


ना पकवानों की थाल चाहिए,

बस माँ के हाथ की बनी मीठी रोटी चाहिए।


ना धनदौलत की भरमार चाहिए,

बस माँ के प्यार की बौछार चाहिए।


ना सोने के लिए मखमल के नर्म गद्दे चाहिए,

बस पलभर में नींद आ जाए वह माँ की गोद  चाहिए।


ना दुनिया भर का जमघट चाहिए 

बस माँ का आशीर्वाद सदा साथ चाहिए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics