बस माँ ही चाहिए
बस माँ ही चाहिए
ना सिर पर कोई ताज चाहिए,
बस माँ की दुआओं का हाथ चाहिए।
ना पकवानों की थाल चाहिए,
बस माँ के हाथ की बनी मीठी रोटी चाहिए।
ना धनदौलत की भरमार चाहिए,
बस माँ के प्यार की बौछार चाहिए।
ना सोने के लिए मखमल के नर्म गद्दे चाहिए,
बस पलभर में नींद आ जाए वह माँ की गोद चाहिए।
ना दुनिया भर का जमघट चाहिए
बस माँ का आशीर्वाद सदा साथ चाहिए।