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Shanti Gurav

Abstract

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Shanti Gurav

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बचपन

बचपन

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बचपन एक सुहावना और जीवन का होता है

सारी परेशानियाँ और दुख दर्द से मुक्त होता है।


यौवन तो जिम्मेदारी और चिंताओं में घुल जाता है,

समय के साथ कब का खत्म हो जाता है।


बुढ़ापा पल-पल दुख में डूबाता है,

जिंदगी खत्म होने की राह देखता है।


 जिसने बचपन को न जिया,

 उसने जीवन में बहुत कुछ खोया।


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