पैसा
पैसा
ऐ, इंसान अगर जीना है तुझे इस दुनिया में तो,
कुछ भी बन मगर निर्धन ना बन ।
यहाँ गर्दन ऊँची है अमीरों की
यहाँ निर्धनों का नहीं है काम कोई ।
अगर बन भी गया निर्धन यहाँ तू,
तो न रह सकेगा सुख से,
ना देखेगा कोई तुझे प्यार से ।
कोई ना आएगा पास तेरे,
सब उड़ाएँगे मजाक तेरे ।
अगर इन सब से तुझे रहना है दूर तो,
कुछ भी बन मगर निर्धन ना बन ।
अगर धन दौलत है पास तेरे,
सब चाटेंगे कुत्ते की तरह पाँव तेरे ।
फिर तेरे पास शराफत न हो तो भी
गाएँगे तेरे गुण,
तेरे पैसों के आगे कोई नहीं देखेगा तेरे दुर्गुण ।
यहाँ नहीं कीमत कोई प्यार की,
यह दुनिया दीवानी बस पैसों की ।
ऐश करनी है अगर दुनिया में तुझे तो,
कुछ भी बन मगर निर्धन ना बन ।
है अगर पैसा तेरे पास तो,
तेरे एक दुख पर लुटा देंगे अपनी खुशियाँ सारी,
तेरे आँसू की इक बूँद पर डूबा देंगे दुनिया सारी।
वहीं पैसा ना हो तेरे पास तो,
ना देखेंगे दुख दर्द तेरे,
मरने के बाद भी कफन पर ना डालेंगे फूल तेरे,
है अगर तुझे इस दुनिया से हँसते-हँसते जाना,
तो कुछ भी बन मगर निर्धन ना बन ।