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Dr.rajmati Surana

Abstract

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Dr.rajmati Surana

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बरसों बाद

बरसों बाद

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बरसों बाद ठहरी है मुस्कान मेरे लबो पर,

किसी अनजान चेहरे ने सपनों में गुनगुनाया होगा।


मंजिले अब छूने लगी आसमान में उडने लगी,

एक बार फिर किसी ने प्यार का सुर गुनगुनाया होगा।


बंदिशे तोड खिलने लगे ख्वाब सारे,

ख्वाबों को प्यार से उन्होंने नहलाया होगा।


खुबसूरत वादियों में तुम में ही खोये रहते है,

जिन्दगी की हसीन वादियों में कसमों को तैराया होगा।


जिन्दगी के तरानों को किताबों के हाशिये में,

लिख लिख कर हाथो से अपने सजाया होगा।


आँखों ही आँखों में मेरी मोहब्बत को पढ कर,

लफ्जो ने तुम्हे मेरे ही नाम से गुदगुदाया होगा।


जिन्दगी के बदलते हुए समीकरण में,

मुझे बंधन में बॉथ नये आयामों को सहलाया होगा।


पवित्र रिश्ते में बंध कर तुम को अब,

संजीदा चेहरे का नूर तुम्हे मन ही मन भाया होगा।।


तेरे इश्क की रोशनी में चेहरे के आफताब को देख,

बदली में छिपा चाँद भी शरमाया होगा।


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