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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

"बरसात की एक रात"

"बरसात की एक रात"

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बरसातों में तुम याद मुझे क्यों आती हो ?

तुम मुझसे आँखों से ओझल आखिर क्यूँ हो जाती हो ?

बरसातों में तुम याद मुझे क्यों आती हो ?

तुम मुझसे आँखों से ओझल आखिर क्यूँ हो जाती हो ?

बारिश की बूंदों की छमछम , 

पायल की धून बजती है !

मन चंचल हृदय डोल उठा ,

जब तेरी चूड़ियाँ खनकती है !!

बारिस की बूंदों की छमछम , 

पायल की धून बजती है !

मन चंचल हृदय डोल उठा ,

जब तेरी चूड़ियाँ खनकती है !!

अपने एहसासों की खुसबू क्यों हमको देती हो ?

तुम मुझसे आँखों से ओझल आखिर क्यूँ हो जाती हो ?

बरसातों में तुम याद मुझे क्यों आती हो ?

तुम मुझसे आँखों से ओझल आखिर क्यूँ हो जाती हो ?

कभी छा जाये काली से घटा ,

बादल का गरजना ठीक नहीं !

डर के जो कहीं रुक जाये वो ,

रुक जाना उसका ठीक नहीं !!

कभी छा जाये काली से घटा ,

बादल का गरजना ठीक नहीं !

डर के जो कहीं रुक जाये वो ,

रुक जाना उसका ठीक नहीं !!

वादे सब दिन हमसे क्यूँ कर जाती हो ?

तुम मुझसे आँखों से ओझल आखिर क्यूँ हो जाती हो ?

बरसातों में तुम याद मुझे क्यों आती हो ?

तुम मुझसे आँखों से ओझल आखिर क्यूँ हो जाती हो ?

मौसम बदले ऋतु भी बदला ,

अब बर्षा का मौसम है आया !

तेरी विरह व्यथा को सहकर ,

इतने दिन हमको तड़पाया !!

मौसम बदले ऋतु भी बदला ,

अब बर्षा का मौसम है आया !

तेरी विरह व्यथा को सहकर ,

इतने दिन हमको तड़पाया !!

अपनी खुसबू से क्यूँ मुझमें आग लगती हो ?

तुम मुझसे आँखों से ओझल आखिर क्यूँ हो जाती हो ?

बरसातों में तुम याद मुझे क्यों आती हो ?

तुम मुझसे आँखों से ओझल आखिर क्यूँ हो जाती हो ?

बरसातों में तुम याद मुझे क्यों आती हो ?

तुम मुझसे आँखों से ओझल आखिर क्यूँ हो जाती हो?



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