STORYMIRROR

Aditi Vats

Abstract

3  

Aditi Vats

Abstract

ब्रह्मांड

ब्रह्मांड

1 min
187

समस्त संसार का ज्ञान किताबों में है 

बिना ज्ञान के संसार निरार्थ है 

ये बोल महादेव के है

बस बोल हम रहे हैं ।


खुशियां मिले हमें जहां से

ऐसा एक जहां बनाना है

ब्रह्माड के तारों की तरह

हमें भी आसमान में चमकना है।


किताबों जैसा है ब्रह्मांड

ज्ञान से यह है भरपूर

लेना तुम किताबों से ज्ञान भरपूर

ना ले पाए ज्ञान अगर हो जाओगे चूर-चूर।


डमरू वाले कहते हैं

यह समस्त ब्रह्मांड मेरा है

हम तो इतनी विनती करते हैं

हे भोलेनाथ तू बस मेरा है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract