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Premdas vasu Surekha

Action Classics Inspirational

4  

Premdas vasu Surekha

Action Classics Inspirational

बंटवारा

बंटवारा

1 min
343


जब भर जाती है मध्य भावना 

जीवन के उल्लास में

कटु वचनों की दग्ध भावना 

प्रेम के खल्लास में


रील ही अब घूम रही, 

वैर ही अब साधना

आग लगी फिर समुद्र में

फैसला फिर नदियों में ..........

फैसला फिर नदियों में........


काल के फिर वशीभूत हैं 

जीवन की ये यातना

मिलना चाहा 

फिर मिलना ना भी

अरिता है फिर ज्वाला अग्नि


अहंकार की भावना

क्रोध जगा है अब

जाना ना भी

घूम लिए फिर सागर में

अब तो घटाव होगा ही

जीवन के अब हर पहलू में

सांझा घटाव यायावर में।


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