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Indu Prabha

Inspirational

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Indu Prabha

Inspirational

बंसी बजी

बंसी बजी

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जब जब तुने बंसी बजाई

प्रदूषण जन मन का दूर किया


बालपन के खेल खेल में

सब को प्रयासरत बनाया


बाल दिवस पर तूने जागरूकता दी 

सब की डोर के लिए बिंदु दिया


नटखट बन चोरी चोरी तूने

किशोरि के मन उमंग जगाई


तू गाड़ी में भी छयानी ले बैठा

बीच दूरी गाड़ी पल-पल सुधारी


जब जोश रूप प्रेम का आया

तब पवन संग गाड़ी चली

 

जीवन को एक राह मिलती गई

रखवाले की बंसी बजती गई

 

तूने नरसिंह भगत को कोसों दूर पहुंचाया

मीरा ने भी तेरे से नाता जोड़े रखा

 

हाथ में हाथ आया जब

मन में विशुद्ध प्रेम जग आया

 

संघ में तू रखवाला मिला

सुख शांति का प्रवाह बहा

 

मित्रों के साथ हंसते गाते हुए

हर भवर से पार होते चले

 

जब-जब भरता उजाला प्रेम का

संसार की कसौटी बनी सुरक्षा

 

साल पचपन धीरे धीरे चला आया

जीवन सृष्टि के रहस्य ने गहनता पाई

 

दिल में अचरंज उभर कर आता

वेद, पुराण, संतवाणी मन गाते बनता

 

सब हानि लाभ को छोड़कर

निर्मल चित का नित ध्यान बनता।


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