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piya presents

Romance Classics Fantasy

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बंजर सी ज़मीन पर..

बंजर सी ज़मीन पर..

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बंजर सी जमीन पर मै परिश्रम की फुहार दूंगा,

मुरझाते फूलों को मै तुम्हारा ही ख्याल दूंगा,


जब थक जाऊंगा,

हार जाऊंगा,

भूख- प्यास की चिंता सताएगी,

मैं तेरे आने का इंतज़ार करूंगा,

इस तपती जमीन पर

शीतलता के पधारने की प्रतीक्षा करूंगा।


तुम आना होठो पर मुस्कान लिए,

सौंधी सी खुशबू अपने पल्लू में लपेट के,

चली जाना फिर


हवा में रस घोल अपने आंचल से,

मसालों की मनमोहक महक लिए हाथो से

दो टूक में अपना भरपूर प्रेम उड़ेल के,

वो खनखनाती चूड़ियां और आवाज़ तेरी,

कोयल से प्यारा स्वर सुन के,

थकान दूर हो जाएगी मेरी।


तुम चली जाओगी फिर मुझे सबकुछ दिए,

मै फिर से लग जाऊंगा,

राहत की प्रतीक्षा में,

और फिर से जमीन को सीचुंगा तुम्हारे ख्याल से,

सांझ होने तक,

मेरे प्यारे ख्याल के पास होने तक।


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