piya presents
Others
अंदर के शोर को समेट,
बड़ी खामोशी से चेहरे को सजाते है,
चेहरे पर मुस्कुराहट की लकीर खींच कर
ये होंठ काम मेरा बड़ा आसान बनाते है...
मुस्कुराहट
फबती है बड़ी ...
सोचूं बिचारूं...
बंजर सी ज़मीन...
जो खोजेगा वो ...
मेरी कल्पना म...
पिता एक वृक्ष