बिंदी है
बिंदी है
सूरज भी बिंदी है,
चाँद भी बिंदी है!
बिंदियों से भरी हुई,
राजभाषा हिंदी है!
तलैया भी बिंदी है,
तो बूँद भी बिंदी है!
शून्य भी तो देखिये,
गणित की बिंदी है!
तारे, नभ की बिंदी है,
कूपजगत भी बिंदी है!
अमीर जहाँ दौड़ा करें,
तो वो पथ भी बिंदी है!
ग्लास, कप, कटोरी,
पूरियाँ और कचौरी!
नथ, कंगन, कुंडल,
और सारा सौरमंडल!
भूगोल और खगोल,
ये भी तो देखो गोल!
संतरा, नारंगी, सेब,
सबको गोलाई का ऐब!
अनंत इच्छा के बंदी हैं,
उन्हें भी पूर्ण करे बिंदी हैं!
