बिना आवाज का निशब्द प्यार
बिना आवाज का निशब्द प्यार
बिना आवाज के भी बहुत कुछ कहा जा सकता है।
जिंदगी में आवाज करना जरूरी नहीं है।
सच्चा प्यार मोन निशब्द भी हो सकता है।
सच्चा प्यार कौन कहता है
कि बोलकर ही बताया जाए।
मौन और निशब्द प्यार भी होता है।
हम खुशनसीब है कि हमको मौन और निशब्द प्यार प्राप्त हुआ है
जो उस दिखावटी प्यार से कहीं ज्यादा गहरा है और साथ है।
जिनसे प्यार है सच्चाई है ।
आस्था है विश्वास आत्मसम्मानहै
एक दूसरे के सम्मान की भावना है।
एक दूसरे की फिक्र और चिंता है।
और क्या चाहिए साथ में ईश्वर का आशीर्वाद है।
और क्या चाहिए।
हे ईश्वर से यह प्रार्थना कि
इस जन्म क्या अनेक जन्म भी यह साथ यह एहसास
और यह प्यार हमें चाहिए।
साथ में आपका आशीर्वाद चाहिए।