बीती रात कमल दल फूले
बीती रात कमल दल फूले
बीती रात कमल दल फूले,
भोर हुआ नव जीवन जी लें।
सूरज की किरणों से नित,
जीवन में मेरे मुस्कान खिले।।
कटे तिमिर जीवन का मेरे,
चहके पक्षी डाली डाली।
नई तरंग हो, नई उमंग हो,
किरणें दें मुझको ख़ुशहाली।।
धरती से ले अम्बर तक,
नित खग उड़ते पंख पसारे।
हर सुबह नए सपने हैं सजते,
कोशिश से हो पूरे ख़्वाब हमारे।।
रात्रि गुजर अब जग जाएं,
बहती पवन सुख देती है।
भोर भई सूरज की किरणें,
जीवन में प्रकाश भर देती हैं।।