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Pankaj Kumar

Romance

3  

Pankaj Kumar

Romance

बीता दौर

बीता दौर

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बीते दौर में लौट जाना चाहता हूँ 

वो पहला पहला इश्क़ लड़ाना चाहता हूँ। 


दोस्तों के साथ जो बेफ़िकरी का आलम था 

उसे फिर से दोहराना चाहता हूँ 

हालात के चलते जो रह गयी अधूरी सी हसरतें 

उन्हें मुकम्मल अंजाम तक पहुँचाना चाहता हूँ। 


तुझे याद करके खुली आँखों से देखे हुए सपने 

झूठे ही सही दिल में सजाना चाहता हूँ 

तेरी आँखों में देख कर डूब जाती थी जो नज़रें 

"कहीं किसी ने देखा तो नहीं"

ये सोच के फिर घबराना चाहता हूँ। 


कहीं भी जाना हो पर हर रास्ता

तेरे घर के आगे से ही गुजरता था 

आज फिर उन्ही राहों पर दिन बिताना चाहता हूँ 

तू आएगी घर से बाहर मेरे दिल की आहट सुनकर 

ऐसा दिल से दिल का प्यार फिर पाना चाहता हूँ। 


कि हालात के चलते जो रह गयी थी अधूरी हसरतें 

उन्हें मुकम्मल अंजाम दिलाना चाहता हूँ 

हां मैं वो पहला इश्क़ लड़ाना चाहता हूँ 

बीते दौर में लौट जाना चाहता हूँ। 


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