भव बाधा हरो सारी,,।
भव बाधा हरो सारी,,।
मन के मुरारी, सुनते हों सारी
अरज, विनती हमारी
तुम बिन अब ना जी सकेंगे,
जग जीवन सब हारी,
लीलाधारी, ओ गिरधारी
सुन लो विनती हमारी,
दर्शन दीजो, संपूर्ण रूप के
भव बाधा हरो सारी,
सुन लो विनती हमारी
प्रभु, भव बाधा हरो सारी.......

