Ritu Garg

Inspirational

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Ritu Garg

Inspirational

भूली बिसरी यादें

भूली बिसरी यादें

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कुछ कुछ याद आता है,

 कुछ कभी हम भूल जाते हैं।

भूली बिसरी यादों के सहारे,

 हम सभी जिंदा रहते हैं।


कभी कांटों की चुभन सी है,

कभी फूलों की महक सी है।

भूली बिसरी यादें ही,

जिंदगी का सहारा भी है।


आकर हवा का झारोंखा,

कुछ याद दिलाता है।

मन में उठे सवालों के,

 जवाब बनकर आता है।


सुखद सुहाना स्वप्न ,

आंखों से ओझल हो जाता है।

 बीते हुए पलों को,

 सहेज कर रख जाता है।


 अनचाही असुलझी पहेलियों को,

और अधिक उलझाता जाता।

हमारे सामने वह पल,

 कड़वी मीठी यादें लेकर आता।


अतीत के पन्नों को पढ़कर,

 राहों पर आगे बढ़ना है।

भूली बिसरी यादों को,

हमें सहेज कर रखना है।


भूली बिसरी यादें ही

एकाकी पन का सहारा होती।

हमजोली जीवन की बनकर,

जीवन में सुर संगीत सजाती।


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