'भूख '
'भूख '
बेहाल जिस्म हो गया चीजों के जोर से ...
बस्ती जमा हुई थी वहां उसके शोर से ।
बेसब्र भूख हो गई वह चोर नहीं थी...
रोटी बंधी हुई थी दुपट्टे के छोर से ।।
बेहाल जिस्म हो गया चीजों के जोर से ...
बस्ती जमा हुई थी वहां उसके शोर से ।
बेसब्र भूख हो गई वह चोर नहीं थी...
रोटी बंधी हुई थी दुपट्टे के छोर से ।।