अहसास
अहसास
सात रंगों में खुद को लपेटे हुए
इस जमीं आस्मां को समेटे हुए
एक सुनहरी सुबह सांवली शाम तुम
सूना सूना क्यों तेरा संसार है।
सात रंगों में खुद को लपेटे हुए
इस जमीं आस्मां को समेटे हुए
एक सुनहरी सुबह सांवली शाम तुम
सूना सूना क्यों तेरा संसार है।