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Razada *Khatoon Raaz'*

Abstract

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Razada *Khatoon Raaz'*

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हकीकत

हकीकत

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लिख दे जो हक़ीक़त वो कलमकार नहीं हैं 

ला दें जो इन्कलाब वो अख़बार नहीं हैं...


सच देखते, सच बोलते, सच सुनते अब कहां 

बापू तेरे बंदर भी वफादार नहीं हैं।


साहित्याला गुण द्या
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