बहुत याद आएँगे हम
बहुत याद आएँगे हम
जब याद आएँगे तो बहुत याद आएँगे हम
अश्क़ बन कर तेरी आँखों से निकल आएँगे हम
न मैं खुदा हुँ न फ़क़ीर न कोई तेरा चाहनेवाला
पर देखना इन सब से पहले तुझे याद आएँगे हम
हम इश्क़ करते हैं इश्क़ में बेवफाई नहीं करते
तेरे गम-ए-हिज़्र के साथ भी वफ़ा कर जाएँगे हम
सोचता हुँ अक्सर की इक न इक रोज़ तुम्हें भुला दूँगा
फिर सोचता हुँ की तुम्हें कैसे भुला पाएँगे हम
जल रहे हैं की जलना मुकद्दर है हम आशिक़ों का
थोड़ा और जल कर खुद क़ो जलता छोड़ जाएँगे हम।
