बहुत कुछ है
बहुत कुछ है
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बहुत कुछ है
अस्तित्व में
जीवन की दशा और
दिशा बदल देने गुण से
संपन्न
और उसी को तलाशता रहता है
मनुष्य,
कभी मिल जाता है
कभी बेचैन कर देता है
कभी सन्देश बन जाता है तो
कभी जिम्मेदारी
कभी बोलता है
हृदय की भाषा में
तो कभी माँ की तरह
अंगुली पकड़ कर
दीदार करवाता है
इस संसार का।
सचमुच यह कितना सरल है
कितना अद्भुत है।