भुखमरी
भुखमरी
कितना ओखा वक्त आया है
की देश गरीबी ने खाया है
की देश भूखमरी ने खाया है
या खुद उसके अपनो ने उसे खाया है।
सड़क पर जाकर नज़र डालो एक दफा
हर कोई भूखा और लाचार है आज यहां
एक वक्त की रोटी खाने के लिए
कफन लाशों के उतर रह हैं यहां।
हर तबका आज गरीब बन बैठा
अपनो को बचाने के लिए लूट बैठा
लाखों में सांसों को खरीद बैठा
आज यहां हर कोई भूखा और गरीब बैठा।
