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Ram Chandar Azad

Tragedy

3  

Ram Chandar Azad

Tragedy

भ्रूण की आवाज़

भ्रूण की आवाज़

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मम्मी ! पापा से बोलो ना,

थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना।


बाहर की दुनिया कैसी है,

दिखने में लगती कैसी है?


मेरी नहीं तो अपने दिल की,

थोड़ी-सी धड़कन सुन लो ना।


मम्मी ! पापा से बोलो ना,

थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना।


तू ममता से भरी कहानी,

मैं हूँ तेरी गुड़िया रानी।


इस गुड़िया के खातिर मम्मी,

थोड़ा पापा से लड़ लो ना।


मम्मी ! पापा से बोलो ना,

थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना।


बदनसीब मैं हूँ इतनी क्या,

थोड़ी दया न पा सकती क्या?


यदि कोई अपराध हुआ तो,

आकर मुझे भुगतने दो ना।


मम्मी ! पापा से बोलो ना,

थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना।


तेरे आँचल की महिमा माँ,

जान सकूँगी मैं कैसे माँ।


तेरी गोदी में रह कर के,

लोरी कुछ सुन लेने दो ना।


मम्मी ! पापा से बोलो ना,

थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना।


मम्मी तुम्हीं बचा सकती हो,

पापा को समझा सकती हो।


तुम अपनी नारी शक्ति का,

कोई नमूना दिखला दो ना।


मम्मी ! पापा से बोलो ना,

थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना।


मैं तेरी साँसों में बसती,

मैं आहों में तेरी मचलती।


साँसों,आहों के बिन कैसे,

जिओगी मुझसे बोलो ना।


मम्मी ! पापा से बोलो ना,

थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना।


तुम अन्याय नहीं कर सकती,

क्यों अन्याय की भागी बनती।


कब तक तुम अन्याय सहोगी,

अपनी बंद जुबां खोलो ना।


मम्मी ! पापा से बोलो ना,

थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना।


मैं कमजोर अब नहीं पड़ूँगी,

तेरी खातिर सब से लड़ूँगी।


आँसू पोंछ न डर अब आजा,

मेरे संग जरा हँस ले ना।


मम्मी ! पापा से बोलो ना,

थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना।।


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