niraj shah
Drama
अपना भ्रम खुद बनाया मैंने
अपना कर्म खुद गँवाया मैंने।
वो बात जिसका कोई मोल न था
उसे पाने में जीवन बिताया मैंने।
बारिश की बूँद...
बारिश
दौड़
तिजारत
सौगात तेरे सा...
ख्वाब
प्यार से सींच...
एहसान
भ्रम
सुकून
चल के मेरी धड़कने तुझको ढूंढे, तू यहाँ है के वहाँ। चल के मेरी धड़कने तुझको ढूंढे, तू यहाँ है के वहाँ।
वो भी ना रहा मैं भी समंदर के संग बह गया। वो भी ना रहा मैं भी समंदर के संग बह गया।
भूलों को भूला कर, मैं अपना भविष्य बनाना चाहूंगा। भूलों को भूला कर, मैं अपना भविष्य बनाना चाहूंगा।
उसे पार करने के लिए एक नाव ही काफी होती है। उसे पार करने के लिए एक नाव ही काफी होती है।
जीवन के सफर में आगे बढ़ता, संघर्ष ही है जीवन संजीवनी।” जीवन के सफर में आगे बढ़ता, संघर्ष ही है जीवन संजीवनी।”
जी भर के हंसे और आँखों से नमक बहने लगे । जी भर के हंसे और आँखों से नमक बहने लगे ।
उसी कीचड़ में उगा दो कमल फूलों के बाग। उसी कीचड़ में उगा दो कमल फूलों के बाग।
मां-बापू, दुआओं से शूलों बीच खिलते गये। मां-बापू, दुआओं से शूलों बीच खिलते गये।
वो रंग बिरंगी तितलियों की महफिलें कहाँ वो प्यासी चिड़ियों का कारवां ? वो रंग बिरंगी तितलियों की महफिलें कहाँ वो प्यासी चिड़ियों का कारवां ?
जीवन को नयी दिशा दिखला कर मार्गदर्शक के रूप में सदा के लिए उसका अभिन्न अंग बन गया। जीवन को नयी दिशा दिखला कर मार्गदर्शक के रूप में सदा के लिए उसका अभिन्न अंग बन गय...
ना होती फिक्र जरा भी अगर ना होती लड़की तुम।। ना होती फिक्र जरा भी अगर ना होती लड़की तुम।।
देश-विदेश में छाप छोड़ती, हिंद की भाषा ये हिंद की वाणी।। देश-विदेश में छाप छोड़ती, हिंद की भाषा ये हिंद की वाणी।।
मेरे नैनों के आईने में तू ही बसी है, तेरे नैनों की तो खुदा जाने। मेरे नैनों के आईने में तू ही बसी है, तेरे नैनों की तो खुदा जाने।
तुमको देखे बिना मेरी रातें, खयालों में ही बीत जाती है। तुमको देखे बिना मेरी रातें, खयालों में ही बीत जाती है।
कमज़ोर नहीं है, भावना जान लो। दिल हीरा है यह, अनमोल इसे मान लो। कमज़ोर नहीं है, भावना जान लो। दिल हीरा है यह, अनमोल इसे मान लो।
आज एक बार फिर उजाले को डूबकर अँधेरे में समाना है। आज एक बार फिर उजाले को डूबकर अँधेरे में समाना है।
ये टूटे तो जीवन हो जाए पलभर में शमशान इस कलम को इतना कमज़ोर ना मानिये। ये टूटे तो जीवन हो जाए पलभर में शमशान इस कलम को इतना कमज़ोर ना मानिये।
सच्ची मुस्कुराहट ने,उन लबों को ही छुआ जिसने कभी न किसी को बुरा,भला कहा। सच्ची मुस्कुराहट ने,उन लबों को ही छुआ जिसने कभी न किसी को बुरा,भला कहा।
बस प्रेम ही से नहीं होता प्रेम अक्सर खेल ही होता रहता है बस प्रेम ही से नहीं होता प्रेम अक्सर खेल ही होता रहता है
काम करवाया पर पूछा नहीं क्या वो स्वस्थ है ? काम करवाया पर पूछा नहीं क्या वो स्वस्थ है ?