niraj shah
Others
रिश्तों की तिजारत में बिकती हैं कईं
हसीन, रेशमी, साज़िशें, बे-शुमार
कहने को तो दिल छोटा सा है मगर
इसमें बसी हुई हैं ख्वाहिशें बे- शुमार
मुझसे माँगा था मेरी दौलत का हिसाब
चंद रिश्ते हैं कीमती और यादें बे-शुमार
बारिश की बूँद...
बारिश
दौड़
तिजारत
सौगात तेरे सा...
ख्वाब
प्यार से सींच...
एहसान
भ्रम
सुकून