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niraj shah

Others

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तिजारत

तिजारत

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रिश्तों की तिजारत में बिकती हैं कईं 

हसीन, रेशमी, साज़िशें, बे-शुमार 


कहने को तो दिल छोटा सा है मगर

इसमें बसी हुई हैं ख्वाहिशें बे- शुमार


मुझसे माँगा था मेरी दौलत का हिसाब 

चंद रिश्ते हैं कीमती और यादें बे-शुमार


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