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niraj shah

Others

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सौगात तेरे साथ की

सौगात तेरे साथ की

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सौगात तेरे साथ की, फिर उम्र भर रही 

खुशबु तेरे जज़्बात की, फिर उम्र भर रही


महफ़िल में आके पास, होना वो रु-बा-रु 

वो गूँज, तेरे हर बात की, फिर उम्र भर रही


मुड़कर जो चल दिए थे, तुम्हे रोक न सका 

मजबूरी वो हालात की, फिर उम्र भर रही


वो ख़ास था जो बीता था, दोनों के दरमियान 

यादें वो मुलाक़ात की, फिर उम्र भर रही


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