सौगात तेरे साथ की
सौगात तेरे साथ की
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सौगात तेरे साथ की, फिर उम्र भर रही
खुशबु तेरे जज़्बात की, फिर उम्र भर रही
महफ़िल में आके पास, होना वो रु-बा-रु
वो गूँज, तेरे हर बात की, फिर उम्र भर रही
मुड़कर जो चल दिए थे, तुम्हे रोक न सका
मजबूरी वो हालात की, फिर उम्र भर रही
वो ख़ास था जो बीता था, दोनों के दरमियान
यादें वो मुलाक़ात की, फिर उम्र भर रही