भक्ति
भक्ति
समंदर के पास बैठे हुए
पानी के आईने में अपना चेहरा देखो तो
कैसा मुरझा गया है
जरा फूलो की सुगंध तो लो
खुशबू में खोए हुए
अपने को परिवर्तन में पाता देख
मन की गहराइयों में झुक
शांति का अनुभव कर
समंदर के पास बैठे हुए
पानी के आईने में अपना चेहरा देखो तो
कैसा मुरझा गया है
जरा फूलो की सुगंध तो लो
खुशबू में खोए हुए
अपने को परिवर्तन में पाता देख
मन की गहराइयों में झुक
शांति का अनुभव कर