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भीगा हूँ बहुत

भीगा हूँ बहुत

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भीगा हूँ बहुत

अश्कों के बहते धारों में

डूबा हूँ बहुत

तेरे दिए दर्द के सैलाबों में


भटका हूँ बहुत

तेरी जुल्फों के गलियारों में

बहका हूँ बहुत

तेरे रेशमी अहसासों में


बस बहुत हुआ

अब और न इम्तिहान ले

मत मार मुझे

यूँ याद में तड़पा तड़पा कर


सिर्फ़ एक बार आकर

सीने पर खंजर चला दे

दिल के टुकड़े- टुकड़े कर दे

कि

जीने की आरज़ू पूरी हो जाए 

दिल की हर हसरत निकल जाए 

और 

मोहब्बत की यूँ नज़र उतर जाए 


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