"भात: भाई - बहन का प्यार"
"भात: भाई - बहन का प्यार"
अब खत लिख रही,
बहन बिरन को,
वीरा मेरे भाती आयो रे,
अच्छी सी साड़ी,
मेरी सास की लाईओ,
अरे ! मेरा ससुरा बड़ा शौक़ीन,
दुपट्टा हरा रँग लाईओ रे,
अब खत लिख रही,
बहन विरहन को,
वीरा मेरे भाती आयो रे,
अच्छा सा लहँगा,
मेरी जिठानी का लाईओ,
अरे ! मेरा जेठा बड़ा शौक़ीन,
साफा लाल रँगाईओ रे,
अब खत लिख रही,
बहन विरहन को,
वीरा मेरे भाती आयो रे,
अच्छी सी साड़ी,
मेरी देवरानी की लाईओ,
अरे ! मेरा देवर बड़ा रँगीन,
चढ़न नै स्कूटर लाईओ रे,
अब खत लिख रही,
बहन विरहन को,
वीरा मेरे भाती आयो रे,
अच्छा सा लहँगा,
मेरी नन्दी का लाईओ,
अरे ! मेरा नन्दोई बड़ा शौक़ीन,
गले की चैन लाईओ रे,
अब खत लिख रही,
बहन विरहन को,
वीरा मेरे भाती आयो रे,
अच्छी सी चुनरी,
अपनी बहना की लाईओ,
अरे ! तेरा जीजा बड़ा शौक़ीन,
बैठन नै गाड़ी लाईओ रे,
अब खत लिख रही,
बहन विरहन को,
वीरा मेरे भाती आयो रे ।।
