भारतीय

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हमारी संस्कृति और सभ्यता

है विश्व में, सबसे पुरानी।

जग में होती, इनकी चर्चा

सीखने, जानने आते, खूब सैलानी।।


गाँव और शहरों में, बढ़ रही दूरी

सुविधा और जीवन यापन की।

शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, सड़कें, रोज़गार

नहीं संघर्ष है, कठिन गाँव वालों की।।


परंपरा और संस्कृति, के मिश्रण से

गाँव खुशहाल, दिखता आज सारा

शिद्दत से पालन, करते ग्रामीण

मान्यता और संस्कृति, को गाँव सारा।।


भले ही मिट्टी का, हो मकां या गरीबी

जीवन में मूल्य, इंसानियत रहते भरपूर।

गाँव हमारा शहर तुम्हारा नारा

हुआ आज हमारी, संस्कृति से दूर।।


बदलते वक्त के, युग में

आज भी संस्कृति, परंपरा है जीवित।

गाँव में ही संरक्षित, दिखती यह

दीवाने हैं विदेशी, होकर प्रभावित।।


गाँव में है परंपरा

और परंपरा में संस्कृति।

उसूलों के साथ जो, जिंदा रखते

हमें भारतीयता, ही है संस्कृति।।


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