" भारत का उत्थान "
" भारत का उत्थान "
युगों- युगों से जो विश्व में
बाँटते थे ज्ञान !
आज यहाँ फैल रहा सब
दूषित अज्ञान !
लोग नहीं समझते
भारत में है प्रजातंत्र !
जनमत से ही चलता है
केवल सब तंत्र -मंत्र !
आपस के भेद -भावों
को जबतक नहीं
तोड़ सकेंगे !
इतिहास की टूटी
कडियों को नहीं
जोड़ सकेंगे !
आओ मिलजुलकर
हम छोड़ दें निज
तुक्ष्य मान !
तब ही हम कर सकेंगे
अपने भारत
का उत्थान !
