भारत भाग्य विधाता
भारत भाग्य विधाता
बच्चों कल तुम सब ही बनोगे, भारत भाग्य विधाता।
सुदृढ़ सुशिक्षित संपन्न राष्ट्र का, सुन्दर स्वप्न सजाता।
सैनिक बन तू राष्ट्र सुरक्षा, निज धर्म-ध्येय समझना।
मार्ग कठिन दुष्कर हो कितना, आगे निरंतर बढ़ना।
बन शिक्षक तू ग्राम ग्राम जा, ज्ञान दान दे देना।
राष्ट्र भक्ति का वचन सभी से, गुरु दक्षिणा में लेना।
उद्योगपति जो तू बन जाए, इस निर्धनता को भगाना।
सदियों से लुटते भारत को, सोने की चिड़िया बनाना।
विज्ञान अगर जो तुम्हें लुभाता, ऐसी खोज तुम करना।
रोग-व्याधि सब कम हो जाएँ, पर पीड़ा को हरना।
बाँध सड़क पुल नहर बनायें, नव भारत के निर्माता।
ज्ञान कौशल उमंग तुम्हारा, तुम भारत भाग्य विधाता।