बहारें
बहारें
करो तुम लाख कोशिशें
सदाए फिर भी आएंगी
शबनमी लिबासों में लिपटी
घटाएं फिर भी छाएंगी
मख़मली सिलवटें तले
ये शाख बेले झूम जाएंगी
फ़िक्र करो फ़कीरों तुम
जहान रोशन हो जायेंगी
बन के रागिनी जीवन में
प्रीत संग रीत निभाएंगी
बाग खाली हो जाने पर
दुबारा भी खिल जाएंगी
बिखर फूलों की मालाएं
जमीं से आस लगाएंगी
सदा रंगीनियों के संग
खुशियां फिर आ जाएंगी
गम चाहे जितना गहरा हो
बहारें फिर भी आएंगी
बहारें फिर भी आएंगी।