बहार..
बहार..
उसकी बंदगी में
मेरी दुनिया सवार थी...
मेरी सारी बैचेनियों मे
उसकी बहार थी..
वो साथ थी जब मेरे
ये दुनिया गुलजार थी...
मदहोश सी थी रातें
शामे खुमार थीं...
दर्द थे चुप से सारे
हंसी बेशुमार थी..
तुम थे जिंदगी मे
तो जीने मे बहार थी...
उसकी बंदगी में
मेरी दुनिया सवार थी...
मेरी सारी बैचेनियों मे
उसकी बहार थी..
वो साथ थी जब मेरे
ये दुनिया गुलजार थी...
मदहोश सी थी रातें
शामे खुमार थीं...
दर्द थे चुप से सारे
हंसी बेशुमार थी..
तुम थे जिंदगी मे
तो जीने मे बहार थी...