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Praveen Gola

Tragedy

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Praveen Gola

Tragedy

बहाने दे आज तो अश्क

बहाने दे आज तो अश्क

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बहाने दे आज तो अश्क ,
शायद आज ये दिल टूटा है  ,
उम्मीद ~ए ~ वफ़ा से आज ,
अपना भी नाता रूठा है  |

एक हँसी खिलती थी कभी ,
अपने भी अय्याश बाज़ार में ,
बहाने दे आज तो अश्क ,
शायद आज वो बाज़ार छूटा है |

फिर मिलें या ना मिलें ,
मुमकिन होकर भी ज़ोर ना होगा ,
बहाने दे आज तो अश्क ,
शायद आज किसी अपने ने लूटा है |

यूँ तो कहने को हम ,
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ghlight-color: transparent;">दिल ~ओ ~ जाँ थे कभी ,

बहाने दे आज तो अश्क ,
शायद अपना ही नसीब फूटा है |

अपनी अस्मत लुटा कर भी  ,
जो तुझे अपना बना ना सके  ,
बहाने दे आज तो अश्क ,
शायद आज ये दिल टूटा है ||







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