दानव
दानव
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है समय का दोष ये,
कैसे इंसान से जानवर बन गया।
काल काल करता करता ,पाप से भर गया।
ख़ुद को है शक्ति मनाता , मूक पे हैअत्याचार कर रहा।
अंधेरे से न डरता ये , इसकी आड़ में कुकर्म सारे कर रहा
अच्छा अच्छा कहता खुद को , फिर न जाने दानव क्यों है बन रहा।
काला सा चरित्र जिसका , चेहरे हैं सुनहरे से ।
भक्ति के है गुण गाता, दिल पे शैतानियों के पहरे हैं।
पुण्य के फल की इच्छा करता, जिनके कर्म काले गहरे से।
ये नाश नहीं तो और क्या है?
ये विनाश नहीं तो और क्या है?
ये प्रलय नहीं तो और क्या है?
ये अंत नहीं तो क्या है?
@fp_03🖤