बेवफ़ा तेरी याद
बेवफ़ा तेरी याद
बेवफ़ा सी है यादें तेरी,
जो आँखें नम कर गयी,
एक तुम बेवफ़ा ठहरी,
जो मुझे तन्हा कर गयी,
खेल की शौकीन हो क्या,
जो मेरे दिल से खेल गयी,
थोड़ा तो रहम फूलों पर होता,
उनको भी पैरों से कुचल गयी,
क्या बद दुआ देगा भी दिल तुम को,
सदा सलामती का दुआ ले गयी,
कफ़न डाल देना मेरे जनाज़े पर,
अगर विदाई तेरी गली से जो हुई।।

