बेटी
बेटी
पापा की दुलारी
माई के प्यारी बिटिया
खूब पढ़ो तुम आगे बढ़ो
यही नन्ही परी प्यारी बिटिया
एक दिन सब संभालेगी
न रुकेगी न थकेगी
हर जंग के मैदान को
लड़कर पार करेगी।
सत्ता शासन
दिल्ली या रायसीना हो
सब पर हुकूमत
का झंडा फहराना।
हर मुश्किल को गुदगुदी कर
बढ़ो बिटिया तुम आगे बढ़ो
अपनी आज़ादी छिन लो
हर जुर्म को तुम चिर दो
हुआ जो जुर्म तुम्हारे पूर्वज नानी
दादी माता पर
आगे न उसको चलने देना।
अपनी हुकूमत आने पर किसी गरीब को
भूखा न सोने देना।
अनपढ़ न रहे कोई बिटिया
इसलिए कलम भी संभाले रखना।
बढ़ो बिटिया आगे बढ़ो
विश्व गुरु का ताज बना
अपने भारत माँ को पहनाना।