बेटी
बेटी
बेटीयाँ तो निराली होती है
माँ की मन की रानी होती है
पिता की आँख का पानी और
भाई की स्नेह रागिनी होती है
इन बिना भाई की कलाई सुनी
और माथे पर न लाली होती है
दादी की राज़दार और
दादा की लाडली होती है
अपनी भुआ की सहेली और
चाचू की गुड़िया रानी होती है
बेटिया तो निराली होती है।
