बेटी
बेटी
अधूरी थी मैं तेरे होने से हुई पूरी
तू ही हैं मेरे इस जीवन की कस्तूरी
तुझमे दिखती मुझे मेरी परछाई
खुशियां लेकर तू मेरे जीवन में आई
तेरी हंसी से खिल उठा घर द्वार
उस विधाता का दिया तू अनमोल उपहार
फूलो सा पाला तुझे कोख की जाई
तू ही है मेरे जीवन कीअसली कमाई
है आशीष मेरा सदा तू फले फूले
आसमान की हर बुलंदियो को तू छू ले
सफलता चूमे पग पग तेरे कदम
यही दुआं मांगू मैं तो हरदम
मेरी बिटिया मेरी आंखो का तारा
तुझमें ही समाया मेरा जीवन सारा
फूलों से सजी रहे तेरी राह
इस मां की तो बस यही है चाह।