बेटी तुम हिम्मत न हारना
बेटी तुम हिम्मत न हारना
पग पग में है शूल बिछे
सोच समझकर लाँघना तुम
बेटी तुम हिम्मत न हारना ।।
दुनिया बड़ी बेरहम है
पल पल सताएगी, रुलाएगी
घाव देगी तन मन पर
मुखौटे लगाए लोग मिलेंगे यहाँ
पर विश्वास हर किसी को जाँचना तुम
बेटी तुम हिम्मत न हारना ।।
कलियुग रूपी राक्षस है भरे
तुम काली बन मारना
बेटी तुम हिम्मत न हारना ।।
संग न होंगे तेरे पापा हर दम
दुनिया होगी तेरी नई एक दम
ब्याह कर जायेगी तू नए घर इक दिन
होंगे नए लोग पर तुम अपना बनाना सबको
अन्नपूर्णा बन रखना सबका ख्याल तुम
लक्ष्मी बन घर का कोना कोना संवारना
सरस्वती बन संस्कार का रखना थामे हाथ तुम
सहना न पर तू प्रताड़ना कभी
बेटी तुम हिम्मत न हारना ।।
खुद अपने पैरो पे खड़े होकर
अपनी ताकत को आंकना
बनना स्वयं सिद्धा तुम
वक्त कोई हो, परिस्थिति कोई हो
डट कर करना सामना तुम
बेटी तुम हिम्मत न हारना ।।
पापा तेरे एक दिन न होंगे
पर सीख मेरी याद रखना तुम
पाल पोस के किया बड़ा तुझे
रखना पगड़ी की लाज तुम
बेटी तुम हिम्मत न हारना ।।
