बेटी दिवस विशेष
बेटी दिवस विशेष
प्रिय बेटी विशाखा...
माना तुम बड़ी हो रही हो
अपना मुकाम पा रही हो।
पर चाहे कितनी बड़ी तुम हो जाओगी
हमेशा मेरी गुड़िया कहलाओगी।
जब जब आए कोई मुसीबत
मुझे अपने साथ खड़ा पाओगी।
इक दिन जाओगी पिया घर अपने
मत सोचना मेरे लिए पराई हो जाओगी।
इस घर की तुम जान उस घर की रानी कहाओगी
दो दो घर की तुम शान बन जाओगी।
जब भी कोई तुम्हें झुकाए बेवजह
जानती हूं तुम नहीं घबराओगी।
आए कोई परेशानी जब जब
बेधड़क यहां चली आओगी।
क्योंकि कल को मां भी जब तुम बन जाओगी
तब भी मेरी गुड़िया कहलाओगी।
