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Nishi Singh

Inspirational

5.0  

Nishi Singh

Inspirational

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

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कौन सुनता है यहाँ,

एक अजन्मी बेटी की पुकार,

मेरे बिना तुम्हारे इस जग में

मच जाएगा हाहाकार

जो मैं ना आई इस जग में

बेटे कहाँ से लाओगे ?

और जो बचे हुए हैं

किस संग ब्याह रचाओगे,


बहुत किया तिरस्कार है तुमने

पर मैं ही हूँ तुम्हारे सपनों का आधार,

संभल जाओ ऐ मुरख (मुर्ख)

मुझे भी दो जन्म लेने का अधिकार,


जो तुम मुझे सम्मान संग इस जग में लाओगे

और समुचित ढ़ंग से शिक्षित मुझे बनाओगे

तो मैं तुम्हारे चेहरे पर

संतुष्ट मुस्कान बन खिल जाउं

पाकर तुम्हारा स्नेह दुलार जग में ढेरों नाम कमाऊँगी,

सजल नयनों से करती हूँ ये वादा,

बेटों जैसा हो आजीवन शान निभाउंगी

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की सोच,

जग में स्थापित कर जाऊँगी...


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