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Chetna Gupta

Tragedy

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Chetna Gupta

Tragedy

बेरहम कत्ल

बेरहम कत्ल

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वो पागल कहते हैं मुझे

पर पगला तो है

मैं उनसे मिलकर गयी थी। 


ज़िन्दगी में पागल होना ज़रूरी है

किसी चीज़, शख्स या पल के लिए

वो पागलपन मुझमे भी था उनके लिए 

इस इश्क़ ने ही मुझे उनसे दूर किया

जब उन्होंने मुझे इस्तमाल कर फेंक दिया।


जल बिन मछली की तड़प रही थी मैं

उनसे एक प्यार भरे रिश्ते की भीख मांगने लगी

बदले में उन्होंने मुझसे मेरी ज़िन्दगी मांग ली

और चाहत उन्हें पाने के लिए

तब दिखी जब उनकी ज़िन्दगी का हिस्सा

बनने के लिए खुद को ही खुद से बेदखल कर दिया।


कुछ लम्हों बाद उन्हें खुद पर इतना प्यार आया

कि इस समझौते का परिणाम कुछ यूँ मेसिजीस में आया-

छोड़ दो मुझे तुम बन गयी हो मेरी खुशियों की बाधा।


और अंत में मैंने खुद को यूँ अकेले पाया

तब एहसास हुआ कि किसी और को पाने के लिए

इस पागलपन में मैंने खुद का ही

बेरहमी से कत्ल कर डाला।


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