बेपनाह मोहब्बत
बेपनाह मोहब्बत
ये कैसी मोहब्बत है तुम पास मेरे हो लेकिन याद किसी और को करते हो,
इजहार मुझसे करते हो और इंतज़ार किसी और का करते हो,
मुझे कोई खाता हो तो डाट देते हो और नाराज़ होते होते उसका ज़िक्र कर देते हो,
मुझसे तुम्हें मोहब्बत है बहुत ये तुम ज़ाहिर करते हो लेकिन खामोशी से उसे ही याद करते हो,
मोहब्बत में बेवफा हमने सारे आम कर दिया फिर भी किसी और के लिए हमें गुनाहगार ठहरा दिया.......

